विल्लुपुरम. तमिलनाडु में जहरीली शराब पीने से जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बढ़कर मंगलवार को 20 हो गई है। इनमें से 13 विल्लुपुरम और 7 मौतें चेंगलपट्टू में हुई है। जबकि, 50 अधिक लोगों का विभिन्न अस्पतालों में इलाज जारी है। वहीं, इस घटना को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने स्वत: संज्ञान लिया और तमिलनाडु सरकार को नोटिस जारी किया है।
नकली शराब की बिक्री और खपत पर रोक लगाने में विफल स्टालिन सरकार
आयोग ने मंगलवार को एक बयान में कहा कि जाहिर है कि राज्य सरकार अवैध या नकली शराब की बिक्री और खपत पर रोक लगाने में विफल रही है। एनएचआरसी ने मीडिया में आई इन खबरों का स्वत: संज्ञान लिया है कि 12 मई से तमिलनाडु के विल्लुपुरम और चेंगलपट्टु जिलों में कथित तौर पर जहरीली शराब पीने से कई लोगों की मौत हो गई है और कई अन्य अस्पताल में भर्ती हैं।
National Human Rights Commission of India (NHRC) takes suo motu cognizance of deaths due to consumption of spurious liquor in Villupuram and Chengalpattu districts of Tamil Nadu, issues notices to Chief Secretary, TN DGP seeking a detailed report in the matter in four weeks
— ANI (@ANI) May 16, 2023
चार हफ्ते में पेश करें रिपोर्ट
बयान के मुताबिक, आयोग ने कहा है कि मीडिया में आई खबरें सही हैं तो यह लोगों के जीने के अधिकार का हनन है। इसमें कहा गया कि आयोग ने तदनुसार, तमिलनाडु के मुख्य सचिव व पुलिस महानिदेशक को नोटिस जारी किया है और चार हफ्ते में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। आयोग ने प्राथमिकी, पीड़ितों के उपचार, मुआवज़े के साथ-साथ घटना के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ की गई कार्रवाई का ब्योरा मांगा है।
तमिलनाडु में बह रही शराब की नदियां
तमिलनाडु विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष के. पलानीस्वामी ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया कि दूध और शहद की नदियां बहाने का चुनावी वादा करने वाली सरकार के राज में शराब की नदियां बह रही हैं। पलानीस्वामी ने सरकारी अस्पताल में बीमार लोगों से मिलने के बाद उन्होंने पत्रकारों से कहा, “यह बेहद दुखद और स्तब्ध करने वाला है। यह सरकार पिछले दो साल में कोई योजना नहीं लाई। नकली शराब बेचने वालों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई।”
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पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि 2011-21 के अन्नाद्रमुक शासन के दौरान इस मुद्दे से सख्ती से निपटा गया और अवैध शराब बेचने के मामले में पकड़े गए लोगों के खिलाफ सख्त गुंडा अधिनियम लागू किया गया था। इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन पर हमला बोलते हुए पलानीस्वामी ने उन पर “अयोग्य और कठपुतली मुख्यमंत्री” होने का आरोप लगाया और उनके इस्तीफे की मांग की। पलानीस्वामी ने सत्ताधारी दल पर निशाना साधते हुए कहा, “नाराजगी है…उन्होंने (द्रमुक) वादा किया था कि दूध और शहद की नदियां बहेंगी (2021 के चुनाव से पहले) लेकिन अब केवल शराब की नदियां बह रही हैं।”