पटना: नौकरी के बदले जमीन मामले (land-for-job case) में लालू यादव, राबड़ी देवी, मीसा भारती को जमानत मिलने के बाद बिहार में जश्न का माहौल है। उनके समर्थक मिठाई बांट रहे हैं। इसी बीच राजद विधायक द्वारा बीजेपी विधायकों को मिठाई देने की पेशकश के बाद राजद और बीजेपी विधायकों ने राज्य विधानसभा में हाथापाई की। बीजेपी विधायक सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे जबकि राजद विधायक मिठाई बांट रहे थे। ऐसे में दोनों पक्ष में हाथापाई की नौबत आ गई।
बिहार एलओपी विजय कुमार सिन्हा (Vijay Kumar Sinha) ने कहा कि हम सभी (बीजेपी विधायक) यहां थे और हमने उन्हें (राजद) अंदर जगह छोड़ दी। लेकिन बाहर आकर वे गुंडागर्दी कर रहे हैं। लड्डू चढ़ाने के बहाने धक्का-मुक्की कर रहे हैं। राजद के विधायकों ने हमें परेशान किया। मैं राज्यपाल के पास जाऊंगा।
#WATCH | Bihar: RJD & BJP MLAs enter into a scuffle at the state assembly after am RJD MLA offered the BJP MLAs sweets following the bail to Lalu Yadav, Rabri Devi, Misa Bharati in land-for-job case.
BJP MLAs were protesting against Govt while RJD MLAs were distributing sweets. pic.twitter.com/JqOp7pz1rk
— ANI (@ANI) March 15, 2023
बीजेपी सांसद सुशील मोदी (ushil Modi) ने कहा कि सीबीआई के पास पुख्ता सबूत हैं जिसके आधार पर यह (नौकरी के लिए जमीन) मामले की जांच हो रही है। अब लालू परिवार को न तो नीतीश कुमार बचा सकते हैं और न ही कोई। जल्द ही और लोगों को तैयार किया जाएगा। जेडीयू के सबूतों के आधार पर जांच होती है।
This case was closed when there was a UPA govt in Bihar. No case is closed, it opens even after 10 yrs if there is evidence in it. Why Lalan Choudhary gifted his land to Rabri Devi? They are those who got a job in Railway & their lands were taken later…: BJP’s Sushil Modi pic.twitter.com/fc6tsSMPUn
— ANI (@ANI) March 15, 2023
उन्होंने कहा कि जब बिहार में यूपीए की सरकार थी तब यह मामला बंद कर दिया गया था। कोई भी केस बंद नहीं होता। 10 साल बाद भी खुलता है अगर उसमें सबूत हो। ललन चौधरी ने राबड़ी देवी को अपनी जमीन क्यों गिफ्ट की? ये वे हैं जिन्हें रेलवे में नौकरी मिली और उनकी जमीनें बाद में ली गईं।
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लालू यादव पर तंज कसते गए सुशिल मोदी ने कहा कि व्हीलचेयर पर जाने, मास्क पहनने और यह कहने से कि वे परेशान कर रहे हैं, कोई फर्क नहीं पड़ेगा। कानून कभी नहीं कहता कि अगर कोई ठीक नहीं है तो उससे पूछताछ नहीं की जा सकती। आरोपों का जवाब देने के बावजूद सहानुभूति का कार्ड खेला जा रहा है।