मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि नेपाल से बाढ़ का पानी आने से इस क्षेत्र में काफी तबाही मचती है। उसको देखते हुए कमला बलान नदी के पश्चिमी तटबंध सह सड़क का निर्माण किया जा रहा है। वहीं, उन्होंने कहा कि निर्माण कार्य पूरा होने के बाद लोग कम समय के अंदर पड़ोसी देश नेपाल तक पहुंच सकते हैं। उन्होंने अधिकारियों को आदेश दिया कि तय सीमा के अंदर इस कार्य को पूरा करें। मैं भी समय-समय पर हवाई सर्वेक्षण के द्वारा आपके कार्यों की प्रगति का जायजा लेता रहूंगा।
कमला बलान तटबंध सह सड़क का शिलान्यास करते मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
दरअसल, वर्तमान में फेज-2 के तहत कमला बलान बायां तटबंध के फटकी कुट्टी से पुनांच और कमला बलान दायां तटबंध के ठेंगहा से पलवा तक कुल 56.20 किलोमीटर की लंबाई में तटबंध के उच्चीकरण, सुदृढ़ीकरण एवं शीर्ष पर पक्कीकरण कार्य 296.89 करोड़ की लागत से शुरू किया जा रहा है।
योजना के कार्यान्वयन से मधुबनी जिले के मधेपुर प्रखंड और दरभंगा जिले के घनश्यामपुर, कीरतपुर तथा गौरा बौराम प्रखंड के गावों की लगभग 12 लाख की आबादी तथा लगभग 0.568 लाख हेक्टेयर भूमि एवं जन संपदा को बाढ़ के दुष्प्रभावों से राहत मिल सकेगी। साथ ही बांध का मजबूतीकरण हो सकेगा। बाढ़ अवधि में तटबंधों का निरीक्षण एवं बाढ़ संघर्षात्मक सामग्रियों के परिचालन में सुविधा होगी।
कोठराम हाईस्कूल के खेल मैदान में कार्यक्रम के दौरान पहुंचे लोग
इस योजना के क्रियान्वयन से मधुबनी जिले के मधेपुर प्रखंड के फटकी कुट्टी, नवटोलिया, बाबूजीवन, हसौली, दर्जिया, भिठगवानपुर, दलदल आदि ग्राम तथा आसमा, कांकी मुशरी, रसियारी, बगरस, झगरौवा, अमही, ठेंगा, जानसो, जमालपुर चतरा, खैसा आदि ग्राम, घनश्यामपुर प्रखंड के जयदेवपट्टी, पड़ड़ी, तुमौल, गरौल, कमरौल, लगमा इत्यादि ग्राम और गौरा बौराम प्रखंड के पुनांच, मंसारा, बड़गांव, पलवा आदि गांवों की करीब 12 लाख की आबादी तथा लगभग 0.568 लाख हेक्टेयर भूमि व सार्वजनिक संपत्ति को बाढ़ के प्रतिकूल प्रभाव से राहत मिलेगी।
वहीं, दरभंगा एयरपोर्ट के चारों तरफ 11.84 किमी की लंबाई में रिंग बांध का पुनर्स्थापन और शीर्ष पर पीसीसी सड़क निर्माण, एयरपोर्ट परिसर की तरफ ढलान क्षेत्र में लगभग दो किमी की लंबाई में पेभर ब्लॉक पिचिंग कार्य तथा रनवे मुख्य द्वार की तरफ बांध के ढलान क्षेत्र में मिथिला आर्ट का कार्य 14.19 करोड़ की लागत से कराया गया है। इससे एयरपोर्ट परिसर में पानी के प्रवेश से सुरक्षा मिलेगी। साथ ही इस बांध पर निर्मित स्लूईस गेट के माध्यम से पानी की निकासी सुगमता पूर्वक की जा सकेगी। पीसीसी सड़क से एयरपोर्ट के चारों तरफ गस्ती कर सुरक्षित रखने में मदद मिलेगी।