मुंबई. महाराष्ट्र में ‘पुरानी पेंशन योजना’ की मांग को लेकर आज यानी मंगलवार से सरकारी कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है। जिसके कारण अस्पतालों, स्कूलों, कॉलेजों, अर्ध-प्रशासनिक कार्यालयों का कामकाज प्रभावित हो गया है। इस बीच महाराष्ट्र राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ अपनी हड़ताल वापस ले ली है। राज्य सरकार ने पुरानी पेंशन योजना के लिए एक समिति के गठन का आश्वासन दिया है। यह जानकारी सीएमओ ने दी।
सीएमओ ने कहा कि, “महाराष्ट्र राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ ने पुरानी पेंशन योजना के लिए एक समिति के गठन के राज्य सरकार के आश्वासन के बाद अपनी हड़ताल वापस ले ली। एसोसिएशन ने सरकार को पुरानी पेंशन योजना लागू करने के लिए समय देने का फैसला किया है।”
Maharashtra State Primary Teachers Association withdraws their strike after the State government’s assurance of the formation of a committee for the Old Pension Scheme. The Association has decided to give time to the Govt to implement Old Pension Scheme: CMO pic.twitter.com/QPyktd31jW
— ANI (@ANI) March 14, 2023
उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र राज्य सरकार के कर्मचारियों ने ‘पुरानी पेंशन योजना’ की मांग को लेकर पुणे, मुंबई, नासिक, नागपुर समेत कई शहरों में विरोध प्रदर्शन किया गया।
पुरानी पेंशन योजना का महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने समर्थन किया और राज्य सरकार पर तंज कसा। उन्होंने कहा कि, “राज्य सरकार के कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना के लिए हड़ताल पर चले गए हैं। सरकार ने इस पर रोक लगा दी है। अगर सरकार पुरानी पेंशन योजना लागू करती है तो क्या गलत है? देश के कुछ राज्यों ने पुरानी पेंशन योजना लागू कर दी है। कर्मचारियों को वह मिलना चाहिए जिसके वे हकदार हैं।”
Maharashtra: Everyone is on road related to Old Pension Scheme. Farmers’ suicide is on the rise. No section of society is happy in Maharashtra. There have been many committees that were formed but the expansion of the state cabinet is yet to take place: Aaditya Thackeray pic.twitter.com/wacfvHnisv
— ANI (@ANI) March 14, 2023
वहीं, युवा सेना अध्यक्ष आदित्य ठाकरे ने पुरानी पेंशन योजना के लिए समिति का गठन करने के राज्य सरकार के फैसले पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि, “पुरानी पेंशन योजना को लेकर हर कोई सड़क पर है। किसानों की आत्महत्या बढ़ रही है। महाराष्ट्र में समाज का कोई भी तबका खुश नहीं है। कई समितियां बन चुकी हैं लेकिन राज्य मंत्रिमंडल का विस्तार अभी बाकी है।”