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Jammu Kashmir Several Properties Of Jamaat E Islami Sealed Involved In Terrorist Activities Ann


Jamaat-e -slami Properties Sealed: जिला प्रशासन ने दक्षिण कश्मीर में जमात-ए-इस्लामी की करोड़ों की संपत्तियों के साथ जम्मू-कश्मीर में आतंकी फंडिंग और आतंक के तंत्र पर एक्शन जारी है. राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) की पहचान के बाद, शोपियां के जिला मजिस्ट्रेट ने कम से कम नौ संपत्तियों को जब्त करने का आदेश दिया है, जिनका इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों की फंडिंग के लिए किया जा रहा था.

शोपियां जिले में नौ स्थानों पर 2,58,033,33 (दो करोड़ अड़तालीस लाख तीन हजार तीन सौ तैंतीस) की संपत्तियों को एसआईए की सिफारिश पर डीएम शोपियां द्वारा अधिसूचित किए जाने के बाद सील कर दिया गया. एसआईए के अनुसार, अलगाववादी गतिविधियों के लिए धन की उपलब्धता को रोकने और भारत की संप्रभुता के लिए शत्रुतापूर्ण राष्ट्र विरोधी तत्वों और आतंकी नेटवर्क के पारिस्थितिकी तंत्र को खत्म करने के लिए कार्रवाई शुरू की गई है.

 संबंधित राजस्व अभिलेखों में “रेड एंट्री” की गई

जिला मजिस्ट्रेट द्वारा जारी आदेश के अनुसार दक्षिण कश्मीर के जिला शोपियां में प्रतिबंधित जेईआई जम्मू-कश्मीर से संबंधित या निर्धारित संपत्तियों कि अधिसूचना संख्या डीसीएस / एआरए / 2022 / 467-73 दिनांक 07/11/22 के बाद प्रशासनिक आदेश द्वारा अधिसूचित किया गया है. केंद्रीय मंत्रालय की गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धारा 8 और अधिसूचना संख्या 14017/7/2019 दिनांक 28- फरवरी- 2019 द्वारा प्रदत्त शक्ति का प्रयोग करते हुए सं. डीसीएस/एआरए/474-80 दिनांक 09/11/22 गृह मामलों की आदेश के बाद प्रवेश और उपयोग प्रतिबंधित कर दिया गया है और इन परिसरों और संरचनाओं को सील कर दिया गया है. इसके अलावा संबंधित राजस्व अभिलेखों में इस आशय की “रेड एंट्री” की गई है.

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भारी मात्रा में संपत्तियों को किया गया सील

आज जिन नौ संपत्तियों को सील किया गया है, उनमें कुल 8 कनाल (1 एकड़) की जमीन, फलाह-ए-आम ट्रस्ट का एक दो मंजिला स्कूल भवन, एक दो मंजिला व्यावसायिक भवन और जमात-ए के कब्जे वाला एक व्यावसायिक भवन है. सभी संपत्तियां जमात जिले के दो अमीर अब्दुल हमीद और शहजादा औरंगजेब के नाम दर्ज हैं. जेईआई की शोपियां संपत्तियों को जम्मू-कश्मीर के अन्य जिलों में जमात इस्लामी से संबंधित संपत्तियों की एक श्रृंखला में अधिसूचित किया गया है और शोपेन का जमात की तुलना में बहुत महत्व है.

1945 में हुआ था पहला इज्तेमा

साधु-दीन तारावती और 1945 में पठानकोट में जमात-ए-इस्लामी के पहले अखिल भारतीय इज्तेमा से पहले अहमद अहरार ने 1942 में बादामी बाग शोपियां में एक इज्तेमा (धार्मिक सभा) आयोजित करने वाले पहले व्यक्ति थे. जमात को अवैध घोषित करने के समय अमीर-ए-जमात अब्दुल हमीद गनी भी जिला शोपियां के रहने वाले हैं. केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में आतंक के समर्थन ढांचे को खत्म करने का स्पष्ट आह्वान शोपियां से ही होना था. जैसे-जैसे आतंकी नेटवर्क, गैरकानूनी संघों के खिलाफ लड़ाई आगे बढ़ेगी, यह चरम पर पहुंच जाएगा. यह कार्रवाई केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के वित्तपोषण के खतरे को काफी हद तक खत्म कर देगी, साथ ही यह कानून के शासन और बिना किसी भय के समाज को सुनिश्चित करने की दिशा में एक कदम होगा.

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