वरिष्ठ भाजपा नेता सुशील मोदी और अन्य
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भाजपा के राज्यसभा सांसद सह बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी बुधवार को सासाराम पहुंचे। यहां सुशील मोदी सदर अस्पताल के कैदी वार्ड में रामनवमी हिंसा के आरोप में बंद भाजपा के पूर्व विधायक जवाहर प्रसाद से मिलने पहुंचे। कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच उन्होंने प्रसाद से मिलकर बातचीत की और उनका हालचाल जाना। जबकि कैदी वार्ड के बाहर भाजपा जिला कार्यकारिणी के कई पदाधिकारी सहित भारी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे। इसके बाद सुशील मोदी पूर्व विधायक के आवास पर भी गए। जहां उन्होंने परिजनों से मिलकर हालचाल पूछा।
इसी सिलसिले में सासाराम पहुंचे पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने परिसदन भवन में एक प्रेस वार्ता को भी संबोधित किया। उन्होंने कहा कि दो अप्रैल को सम्राट अशोक जयंती के अवसर पर केंद्रीय गृह व सहकारिता मंत्री अमित शाह के कार्यक्रम को षडयंत्रपूर्वक बाधित करने के लिए आपराधिक कृत्य को दंगा बतलाकर कार्यक्रम को रोका गया। 30 मार्च को रामनवमी की शोभायात्रा बिना किसी बाधा के संपन्न हुई। लेकिन 31 मार्च को अपराधियों द्वारा की तोड़फोड़ व लूटपाट की घटना को दंगा का स्वरूप बतलाकर प्रशासनिक षडयंत्र किया गया। साथ ही अपराधियों पर कार्रवाई की जगह भाजपा कार्यकर्ताओं को ही चिन्हित कर उन्हें झूठे केस में उन्हें फंसाया गया है। जबकि प्रशासन अगर सतर्क रहता तो इतनी बड़ी घटना घटित नहीं होती।
सुशील मोदी ने कहा कि घटना की प्राथमिकी में कहीं भी हमारे पूर्व विधायक का नाम नहीं था, लेकिन अपराधियों की तरह रात के 12 बजे उनको घर से गिरफ्तार कर 40 दिन बाद 302 का मुकदमा भी दर्ज कर दिया गया, जो अपने आप में हास्यास्पद है। इसलिए इस पूरे मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए।
पटना में बागेश्वर धाम के महंत और कथावाचक धीरेंद्र शास्त्री के पोस्टर फाड़े जाने के सवाल पर सुशील मोदी ने कहा कि बिहार की सरकार हिंदू विरोधी है। सरकार के लोगों द्वारा लगातार देवी-देवताओं और संत-महात्माओं का अपमान किया जाता रहा है। चाहे बाबा बागेश्वर का मामला हो या राम भक्तों पर कार्रवाई का मामला हो। हिंदू धर्म के लोगों से कोई लेना देना नहीं है।
इस दौरान भाजपा एमएलसी निवेदिता सिंह, जिला प्रवक्ता इंजीनियर पुलकित सिंह, भाजपा नेता संजय कश्यप, नगर अध्यक्ष शिवनाथ चौधरी, सोनू सिन्हा, विजय सिंह सहित अन्य भाजपा कार्यकर्ता और पदाधिकारी मौजूद रहे।