महागठबंधन के घटक ‘हम’ के प्रमुख जीतन राम मांझी ने दिया विवादित बयान।
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महागठबंधन के मुख्य घटक राष्ट्रीय जनता दल (RJD) कोटे के शिक्षा मंत्री रामचरितमानस और रामायण पर सवाल उठाने से सदन में भी नहीं चूक रहे तो पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने राम और रामायण को काल्पनिक करार दिया है। मांझी ने शुक्रवार को बिहार विधानसभा परिसर में संवाददाताओं से बात करते हुए कहा- यह लोग राम की बात करते हैं या रावण की बात करते हैं…तो सबको हम कल्पनिक मानते हैं। कल्पना के आधार पर मानते हैं। यह उचित तो नहीं है। गरीब की बात करनी चाहिए। गरीबी मिटाने की बात करनी चाहिए। अगर कहानी की बात ही कही जाए तो राम से ज्यादा कर्मठ रावण था। लेकिन, यह सब काल्पनिक है। इन सब को हम लोग नहीं मानते हैं।
सहमत नहीं राजद, कहा- यह उनके व्यक्तिगत विचार
दरअसल, आज ही सदन में भाजपा विधायक हनुमानचालीसा का पाठ करने के बैठे थे। इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के इस बयान ने नए विवाद काे जन्म दे दिया। इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए राजद प्रवक्ता शक्ति यादव ने कहा कि भगवान राम पर कोई सवाल नहीं खड़ा कर सकता है। वह मर्यादा के प्रतीक हैं। रामचरितमानस में कुछ पंक्तियां पर आपत्ति व्यक्त की जा सकती है लेकिन भगवान राम पर कोई विवाद नहीं होना चाहिए। पूर्व सीएम मांझी का यह बयान उनके व्यक्ति विचार हैं।
बचौल बोले- ओवैसी तुष्टिकरण की राजनीति करते हैं
भाजपा विधायक हरिभूषण ठाकुर बचौल ने AIMIM के सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी ने दो दिवसीय दौरे पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि उनका एजेंडा विभाजनकारी है। वह जिन्ना के नए अवतरण हैं। उनके आने से पहले ही किशनगंज में मंदिरों को जलाया गया। हिन्दुओं को मारा गया। उनका एजेंडा है 2047 तक भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाना। ओवैसी तुष्टीकरण की राजनीति करते हैं। मैं भारत सरकार से मांग करता हूं कि इनसे वोटिंग राइट छीन लेना चाहिए और तमाम सरकारी सुख सुविधाएं और योजनाओं का लाभ से इन्हें वंचित किया जाना चाहिए।