उपहारों के कारण चर्चित रहा है बिहार विधानमंडल।
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बिहार विधानसभा में 28 फरवरी को वित्त मंत्री ने बजट पेश किया और उसके बाद अब विभागवार बजट पेश किए जा रहे हैं। बजट की किताबों का आकार पहले के मुकाबले छोटा होता जा रहा। वह भी कई स्तरीय मीडिया ब्रांड को नहीं मिल पाता, क्योंकि यह सूची कथित रूप से कुछ खास लोग खास नजरिए से बनाते हैं। 20-25 साल अनुभव वाले पत्रकार भी बजट की कॉपी के लिए जुगाड़ लगाते नजर आते हैं और कई बड़े मीडिया ब्रांड के रिपोर्टरों को यह नहीं मिल पा रहा है। और, इस बीच गुरुवार को सामने आई यह तस्वीरें। गाड़ी भरकर बैग आए। जहां बजट बुक की पर्याप्त कॉपी नहीं आती, वहां यह बैग! यह भी बड़ी रोचक हकीकत है।