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Bihar Vidhan Sabha :सदन में खूब हुआ दलित-सवर्ण; अंबेदकर से हजारी तक की बात…दो मिनट में खेला भी – Bihar Vidbiharhan Sabha: Mahagathbandhan And Bjp Mlas Clash In The House Over The Dispute Of Breaking The Mike


विधानसभा परिसर में धरना पर बैठे भाजपा विधायक

विधानसभा परिसर में धरना पर बैठे भाजपा विधायक
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार

बिहार विधानसभा में मंगलवार को ‘दलित’ पर खूब बवाल हुआ। बाबा साहब भीमराव अंबेडकर का नाम आया और भाजपाई विधानसभा अध्यक्ष के पुराने राज में महेश्वर हजारी से हुई नाइंसाफी की बात हुई। यह तक कहा गया कि दलित भगवा झंडा नहीं उठाएगा। लेकिन, सबसे ज्यादा हंगामा इस बात पर बरपा कि संसदीय कार्य मंत्री विजय कुमार चौधरी ने माइक तोड़ने के आरोप में भाजपा विधायक लखेंद्र पासवान को दो दिनों के लिए सदन से निलंबित करने की मांग रखी और दो मिनट के अंदर अध्यक्ष ने इसे ध्वनिमत बताते हुए आदेश जारी कर दिया।

पुरखों को बदनाम करने की कोशिश

विजय चौधरी ने कहा कि जाति का सहारा लेकर गलती छिपाने वाले पातेपुर विधायक लखेंद्र रोशन (लखेंद्र पासवान) को दो दिन के लिए निलंबित करने के लिए मांग रखी। अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही से निलंबित करने पर ध्वनिमत लिया और निलंबित कर दिया। यह आदेश आने के बाद संसदीय कार्यमंत्री विजय चौधरी ने कहा- आपके इस आदेश से सकारात्मक संदेश जाएगा। अपने गलत, दुखद और मर्यादाहीन आचरण से पुरखों को बदनाम करने की कोशिश की जाती है। यह बेहद अशोभनीय है। इनके दल के नेता भी इनके आचरण को सही नहीं बता सके।

सामाजिक वर्ग के नाम पर कुकृत्य करते हैं

विजय चौधरी ने कहा कि आपने एक्शन का आसन से री-प्ले भी कर दिया कि कैसे माइक टूटा। ऐसे लोग दलित समाज से अपने कुकृत्यों को जोड़ें तो पूरे समाज का अपमान कर रहे हैं। दलितों की पहचान डॉ. भीमराव अंबेदकर की प्रतिष्ठा को भी धूमिल कर रहे। अपनी सुरक्षा के लिए सामाजिक वर्ग के नाम पर कुकृत्य करते हैं। जिन्हें वह गालियां दे रहे थे, वह महादलित हैं। यह तो दलित ही हैं। इस सदन में जाति की पहचान नहीं है। लोग अपनी वाणी, बातों से जाने जाते हैं। कौन किस जाति से है, इससे फर्क नहीं पड़ता। ऐसी बातों से सभी को बचना चाहिए। सरकार की तरफ से साधुवाद देते हैं कि आपने सदन की मर्यादा को कायम रखने के लिए सही फैसला लिया है।

जाति की बात कहकर बांटने की कोशिश कर रहे हैं

कृषि मंत्री कह रहे- देश को धर्म के आधार पर बांटने वाले लोग अब सदन के अंदर जाति की बात कहकर बांटने की कोशिश कर रहे हैं। यह वही लोग हैं जो उंगली उठाकर हमें दबाने की कोशिश की जाती थी। महेश्वर हजारी डिप्टी स्पीकर थे, पांच वर्षों तक इंतजार करते रहे, लेकिन दलित के बेटा को कुर्सी पर नहीं बैठने दिया कि कुर्सी छुआ जाएगी। डिप्टी स्पीकर का अधिकार नहीं था। दलित का बेटा है तो वह भगवा झंडा नहीं उठा सकता है।



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