गलवां शहीद की प्रतिमा।
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गलवां घाटी में शहीद जवान जय किशोर सिंह के पिता राजकपूर सिंह के पिता को कोर्ट ने जमानत दे दी है। गुरुवार दोपहर हाजीपुर में ADJ-3 नवीन कुमार ठाकुर की अदालत ने उन्हें जमानत दी। कागजी प्रक्रिया के बाद शाम तक वह जेल से बाहर आएंगे। जमानत के बाद शहीद जय किशोर सिंह परिजनों ने राहत की सांस ली। इससे पहले इस मामले को विधानसभा भाजपा ने बुधवार को उठाया था और जमकर हंगामा किया था। इसके बाद सदन में डीजीपी को तलब किया था। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी कहा था कि इस मामले में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से बात हुई है। इस मामले को गंभीरता से देखा जा रहा है।
इसके बाद नीतीश सरकार की ओर से कहा कि दुर्व्यवहार की जानकारी राज्य सरकार को प्राप्त हो गई है। सरकार ने गंभीरता से लेते हुए उच्चस्तरीय जांच कराने की बात कही थी। वहीं इससे पहले सदन में उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा था कि “परिजन शहीद की प्रतिमा के लिए अपनी जमीन नहीं देना चाहते थे और दलित की जमीन पर यह बनाना चाहते थे। यह कैसे मुमकिन हो सकता है? इसके बाद सदन में भाजपा विधायकों ने हंगामा किया था।
शहीद के बड़े भाई ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि सरकारी जमीन पर शहीद स्मारक बनाने से रोकने के लिए SC-ST एक्ट के तहत हरिनाथ राम ने मुकदमा किया गया और जंदाहा थानाध्यक्ष विश्वनाथ राम ने केस ट्रू रिपोर्ट कर गिरफ्तार कराया। मामले उच्चस्तर पर उठाने के बाद आज उन्हें कोर्ट से जमानत दी गई।
क्या है आरोप और क्या कहा आरोपी ने
जंदाहा थानाध्यक्ष विश्वनाथ राक के अनुसार, राजकपूर सिंह के खिलाफ उनके ग्रामीण हरिनाथ राम ने शहीद की प्रतिमा स्थल के लिए जमीन पर अवैध तरीके से कब्जा करने और उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का मामला दर्ज कराया था। आरोप यह है कि हरिनाथ ने खुद को प्रताड़ित करने पर एससी-एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज कराया और उसी जाति के थानेदार ने कानून की धाराओं की अनदेखी की। जमीन से जुड़ी शिकायत सीओ के पास होने के कारण केस कोर्ट में जाता, लेकिन थानेदार ने सीधे केस दर्ज कर न केवल केस को सत्यापित किया बल्कि आरोप है कि घसीटते हुए पुलिस ले गई। थानेदार के अनुसार दुर्व्यवहार का आरोप गलत है। वरीय अधिकारी के आदेश पर गिरफ्तारी हुई और कोर्ट में पेश किया गया।