हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक और पूर्व सीएम जीतनराम मांझी
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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जहां एक ओर पुरे देश में घूम-घूम कर विपक्षी एकता को जोड़ने में लगे हैं, वहीँ दूसरी तरफ हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक और पूर्व सीएम जीतन राम मांझी ने एक बार फिर से मुख्यमंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने मुख्यमंत्री पर आरोप लगाते हुए कहा है कि नीतीश कुमार उनके साथ अच्छा व्यवहार नहीं कर रहे हैं। यह बात उन्होंने राजगीर के कन्वेंशन हॉल में हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के राष्ट्रीय परिषद सम्मेलन में कही।
राजनीति में कोई कसम नहीं होती
जीतन राम मांझी ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उनकी पार्टी के साथ अच्छा नहीं कर रहे हैं। उनके साथ कमी कर दी गई है जो सही नहीं है। उन्होंने इस बात को विस्तार से बताते हुए कहा कि पहले उनके पास दो विभाग थे, लेकिन अब उनसे एक विभाग वापस ले लिया। इसलिए हम मांग करते हैं कि हमें हमारा विभाग लौटा दिया जाए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हमने नीतीश कुमार के साथ रहने की कसम जरुर खाई है, लेकिन राजनीति में कोई कसम नहीं होती है।
गठबंधन में हैं इसलिए चुप हैं
जीतन राम मांझी का कहना है कि महागठबंधन में समन्वय समिति होनी चाहिए। बिना कमेटी नहीं होने की वजह से निर्णय गलत हो रहे हैं। उन्होंने शिक्षकों की नियुक्ति के संबंध में कहा कि शिक्षकों के साथ भी गलत हुआ है। उन्होंने कहा कि बीएड, एसटीईटी, टीईटी,एमएड पास अभ्यर्थी की नियुक्ति तो बिना परीक्षा के होनी चाहिए थी। ऐसे अभ्यर्थियों की परीक्षा नहीं लेनी चाहिए। हम गठबंधन में हैं इसलिए चुप हैं।
नहीं ली गई हमलोगों से राय
जीतन राम मांझी ने सरकार की शिक्षा नीति पर भी जमकर बोला। उन्होंने कहा कि शिक्षकों की नियुक्ति के बारे में सीएम नीतीश कुमार कह रहे हैं कि सबकी राय के बाद यह फैसला लिया गया है, जबकि यह पूरी तरह गलत है। हमलोगों से कोई राय नहीं ली गई है।
अच्छे प्राइवेट स्कूलों को करें सरकारीकृत
जीतनराम मांझी ने वित्त रहित शिक्षकों को वित्त सहित शिक्षकों की श्रेणी में लाने को कहा। उन्होंने कहा कि बिहार के सरकारी स्कूलों में इंफ्रास्ट्रक्चर की भारी कमी है। जबकि प्राइवेट स्कूलों की स्थिति काफी अच्छी है। इसलिए मेरा कहना है कि जिन जिन प्राइवेट विद्यालयों की स्थिति दुरुस्त और बेहतर है, सरकार उन विद्यालयों को सरकारीकृत कर दे।