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Politics:भगवान कुशवाहा के बिगड़े बोल, बेगूसराय को बिहार से बाहर किया, तो सम्राट का मानसिक संतुलन खराब बताया – Bhagwan Singh Kushwaha Told Begusarai Out Of Bihar, Raised Finger On Samrat Chaudhary’s Mental Balance


Bhagwan Singh Kushwaha told Begusarai out of Bihar, raised finger on Samrat Chaudhary's mental balance

वरिष्ठ जेडीयू नेता भगवान सिंह कुशवाहा
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार

जदयू के राष्ट्रीय महासचिव और बिहार सरकार के पूर्व मंत्री भगवान सिंह कुशवाहा की शुक्रवार को औरंगाबाद में जुबान फिसल गई। कुशवाहा ने यहां प्रेसवार्ता में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह द्वारा बेगूसराय में लव-कुश समाज के मुख्यमंत्री की घोषणा पर तल्ख टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि बेगूसराय में घोषणा से क्या होगा। यह घोषणा दिल्ली से भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व द्वारा की जाती तो बात को गंभीरता से लिया जाता। बेगूसराय में गिरिराज की घोषणा का कोई मतलब नहीं। इस पर मीडिया ने जब उनसे यह प्रश्न किया कि बेगूसराय से ऐसी घोषणा क्यों नहीं हो सकती, क्या बेगूसराय बिहार से बाहर है। यहीं पर उनकी जुबान फिसल गई और उन्होंने तपाक से कहा कि हां बाहर है। बेगूसराय को बिहार से बाहर बताने के बाद भी उन्हें अपनी जुबान के फिसलने का अहसास नहीं हुआ। और वे बातों की रौ में आगे बढ़ गए।

‘कसकर पगड़ी बांधने से बिगड़ा सम्राट का मानसिक संतुलन’

भगवान सिंह कुशवाहा ने आरसीपी सिंह और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी पर भी जमकर भड़ास निकाली। सम्राट चौधरी की पगड़ी पर भी चुटकी ली। उन्होंने कहा कि सम्राट सिर पर गमछा बांध कर चलते हैं। कहते हैं कि पगड़ी तभी उतरेगी जब बिहार में भाजपा का मुख्यमंत्री बनेगा। उन्होंने कहा कि कसकर पगड़ी बांधने से सिर पर दबाव पड़ता है। दबाव से मानसिक संतुलन बिगड़ जाता है। सम्राट का भी दिमागी संतुलन गड़बड़ा गया है। इसी कारण वह भी लव-कुश मुख्यमंत्री और अन्य उल्टी-सीधी बात बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभी राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लव-कुश समाज के ही हैं। ऐसे में इस तरह की बेमतलब की बात के कोई मायने नहीं हैं।

‘आरसीपी जमीनी नेता नहीं, वे वार्ड चुनाव भी नहीं जीत सकते’

भगवान कुशवाहा ने आरसीपी सिंह पर भड़ास निकालते हुए कहा कि जब वे भाजपा में शामिल हुए तो उस वक्त महज डेढ़ सौ लोग थे। इतने से ही उनकी औकात का अंदाजा लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आरसीपी सिंह की नीतीश कुमार के खिलाफ कुछ भी बोलने की औकात नहीं है। वे नीतीश कुमार के ओएसडी थे। नीतीश कुमार की मेहरबानी से वे केंद्रीय मंत्री तक बने। मेहरबानी खत्म होते ही वे जमीन पर आ गए।

उन्होंने कहा कि आरसीपी की जमीन पर कोई औकात नहीं है। वे जमीनी नेता नहीं हैं। वे वार्ड का चुनाव तक नहीं जीत सकते, दिल्ली तो बहुत दूर की बात है। उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि आरसीपी बिहारशरीफ से एक वार्ड का भी चुनाव जीत कर दिखा दे तो वे उनका लोहा मान लेंगे। प्रेसवार्ता में राजद के जिलाध्यक्ष अमरेंद्र कुशवाहा और जदयू के जिला प्रवक्ता राजीव रंजन सिंह उर्फ राजा बाबू भी मौजूद रहे।



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