पंडित धीरेंद्र शास्त्री।
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बागेश्वर धाम वाले बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने रविवार को खुद एलान किया था कि सोमवार को दिव्य दरबार नहीं सजेगा और न पर्ची निकाली जाएगी, लेकिन सोमवार को दोनों कार्यक्रम हुए। जो अटल भक्त थे, वह आए। जो डांवाडोल थे, वह नहीं पहुंचे। ऐसे भक्त भी नहीं पहुंचे, जिन्होंने रविवार की अथाह भीड़ देखी थी। दोपहर बाद 3.15 तक दिव्य दरबार और पर्ची के दौरान कई दर्दभरी परेशानियां सुनाई दीं तो कुछ रोमांचक वाकये भी हुए। इसी दौरान पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने बताया कि उन्होंने रविवार की अपार भीड़ के कारण सामने आई परेशानी को देखते हुए सोमवार के दिव्य दरबार और पर्ची-अर्जी वाला कार्यक्रम रद्द रखने की घोषणा की थी, ताकि भक्ताें की संख्या कुछ नियंत्रित हो।
बागेश्वर वाले बाबा ने आज क्या किया, क्या कहा
पर्ची पर पहले ही लिख ली आने वाले भक्त की समस्या
उन्होंने एक-एक कर कभी इशारे से, कभी मन ही मन ढूंढ़कर निकाले नाम से लोगों को बुलाया। पर्ची निकालकर लोगों की अर्जी सुन रहे हैं। पंडित धीरेंद्र शास्त्री पंडाल में मौजूद भीड़ से लोगों को बुलाते रहे और उनकी अर्जी सुनते गए। सुनने के पहले ही उन्होंने कुछ बातें लिखकर रखी थीं, जिसे उस भक्त की बात सुनकर मिलाने को कहा कि यही बात कहने आए थे न! इसके बाद बाबा ने भीड़ से पंकज नाम के श्रद्धालु को बुलाया। बाबा ने कहा कि उसकी अर्जी सुन रहे हैं। इसके बाद हनुमंत कथा वाचन करेंगे। इससे पहले बाबा होटल से नौबतपुर स्थित तरेत पाली मठ पहुंचे। यहां पहुंचते ही उन्होंने राघवेंद्र सरकार मठ स्थित राम जानकी मंदिर में पूजा अर्चना की। इसके बाद महंत सुदर्शनाचार्य से आशीर्वाद लिया। इसके बाद बाबा हनुमंत कथा स्थल पर बने मंच पर पहुंचे। बाबा को देखते ही पंडाल में श्रद्धालु जय श्री राम और जय बाबा बागेश्वर धाम के जयकारे लगाने लगे। बाबा ने हाथ जोड़कर उनका अभिनंदन किया और कहा कि आज सबकी अर्जी लगेगी।
रविवार को हुई दिव्य दरबार कैंसिल करने की घोषणा
रविवार देर रात आयोजन समिति ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा था कि लगातार बढ़ रही भी और गर्मी को देखते हुए सोमवार को लगने वाला दिव्य दरबार कैंसिल कर दिया गया है। आयोजन समिति द्वारा कथा वाचन का समय भी परिवर्तित कर दिया गया था। लेकिन, फिर कार्यक्रम में बदलाव किया गया। सोमवार दोपहर करीब एक बजे आयोजन समिति ने बताया कि दिव्य दरबार के कार्यक्रम की सामूहिक अर्जी निकाली जाएगी।। आयोजन समिति ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि भीड़ न लगाएं। अगर कथावाचन का समय पहले के तरह ही रखा गया। यानी हनुमंत कथा वाचन शाम 4 बजे से शाम 7 बजे तक किया जाएगा।