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Anand Mohan Singh :खुले आसमान या जेल में रहेंगे बाहुबली आनंद मोहन, आज आएगा सुप्रीम कोर्ट का फैसला – Anand Mohan Case Hearing In Supreme Court, Ias Krishnaiah’s Wife’s Petition, Jail, Nitish Kumar


Anand Mohan case hearing in Supreme Court, IAS Krishnaiah's wife's petition, Jail, Nitish Kumar

सुप्रीम कोर्ट
– फोटो : सोशल मीडिया

विस्तार

27 अप्रैल को जेल से रिहा हुए बाहुबली और पूर्व सांसद आनंद मोहन सिंह फिर से कारा में बंद होंगे या खुले आसमान में घूमते रहेंगे, इसका फैसला आज होना है। कानून बदलकर रिहा किए बाहुबली के खिलाफ जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जेके माहेश्वरी की बेंच में सुनवाई होगी। हालांकि, इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में 8 मई को सुनवाई हुई थी। उस दिन कोर्ट ने बिहार सरकार और आनंद मोहन को नोटिस करते हुए इस मामले पर दोनों से जवाब मांगा था। कोर्ट ने इस मामले में 2 हफ्ते में जवाब देने का निर्देश दिया था। 

आजीवन कारावास की सजा 15 साल में रिहाई कैसे

आनंद मोहन के खिलाफ कोर्ट में दिवंगत IAS अधिकारी जी कृष्णैय्या की पत्नी उमा देवी ने याचिका दायर की थी। उमा देवी ने आनंद मोहन की रिहाई को लेकर बिहार सरकार द्वारा कानून में किए गए संशोधन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी।  उमा देवी ने कहा था मुझे न्यायपालिका पर भरोसा है। वह जरूर इस केस में न्याय करेंगे। उनका कहना है कि जब आनंद मोहन को आजीवन कारावास की सजा हुई तो उनकी रिहाई 15 साल में कैसे हो गई। कोर्ट से अपील है कि वह मामले पर गंभीरता से विचार करे। दिवंगत IAS कृष्णैय्या की बेटी ने भी रिहाई पर तीखी प्रतिक्रिया दी थी।

10 अप्रैल को बिहार जेल मैनुअल 2012 में हुआ था बदलाव

बिहार सरकार ने  10 अप्रैल को बिहार जेल मैनुअल 2012 में बदलाव किया था। इसके तहत सरकारी कर्मचारी की ड्यूटी के दौरान हत्या को भी सामान्य हत्याकांड की तरह कर दिया गया। पहले प्रावधान था कि सरकारी कर्मचारी की ड्यूटी के दौरान हत्या करने वालों को रिहाई में छूट नहीं मिलेगी। इस बदलाव के बाद आनंद मोहन की जेल से रिहाई का रास्ता साफ हो गया था। इसके बाद 27 अप्रैल को आनंद मोहन को सहरसा जेल से रिहा कर दिया गया। आनंद मोहन की रिहाई पर विपक्षी पार्टियां भी खुलकर सामने नहीं आईं। नियमों में बदलाव को लेकर पटना हाईकोर्ट में भी जनहित याचिका दायर हुई थी।



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